Printfriendly

December 11, 2014

Shri Ek Shloki Ramayana


आदौ रामतपोवनादिगमनं हत्वा मृगं काञ्चनं,
वैदेहीहरणं जटायुमरणं सुग्रीवसम्भाषणम्।
बालीनिग्रहणं समुद्रतरणं लङ्कापुरीदाहनं,
पश्चाद्रावणकुम्भकर्णहननमेतद्धि रामायणम्।।

।।इति श्री एकश्लोकि रामायणं सम्पूर्णं।। 


November 20, 2014

Shri Chatuh Shloki Bhagawat


अहमेवासमेवाग्रे नान्यध्यत्सदसत्परम्।
पश्चादहं यदेतच्च योsवशिष्येत सोsस्म्यहम्।।१।।

ऋतेsर्थं यत् प्रतीयेत न प्रतीयेत चात्मनि।
तद्विद्यादात्मनो मायां यथाssभासो यथा तमः।।२।।


October 12, 2014

Shri Chaakshushopnishad/ Chaakshushi Vidya/ Chaakshushi Stotra


विनियोगः
ॐ अस्याश्चाक्षुषी विद्याया अहिर्बुध्न्य,
 ऋषिर्गायत्री, छन्दः सूर्यो देवता, 
चक्षूरोगनिवृत्तये विनियोगः।


September 16, 2014

Shri Sankatmochan Hanumanashtak


बाल समय रबि भक्षि लियो तब, तीनहुँ लोक भयो अँधियारो।
ताहि सों त्रास भयो जग को, यह संकट काहु सों जात न टारो।।
देवन आनि करी बिनती तब, छाँड़ि दियो रबि कष्ट निवारो।
को नहिं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो।।१।।

August 1, 2014

Shri Budh Panch Vinshatinaam Stotra


बुधो बुद्धिमतां श्रेष्ठो बुद्धिदाता धनप्रदः।
प्रियंगु कलि श्यामः कं जनेत्रो मनोहरः।।१।। 

ग्रहोपमो रोहिणेयो नक्षत्रेशो दयाकरः।
विरुद्ध कार्य हन्ता च सौम्यो बुद्धि विवर्धनः।।२।।

July 19, 2014

Shri Teevra Mahakali Stotra


विरन्च्यादिदेवास्त्रयस्ते गुणास्त्रीम्,
समाराध्य कालीं प्रधाना बभूवुः।
अनादिं सुरादिं मखादिं भवादिं,
स्वरूपं त्वदीयं न विदन्ति देवाः।।१।।

June 10, 2014

Shri Hanumat Stavan


सोरठा - प्रनवउँ पवनकुमार खल बन पावक ग्यानघन।
जासु हृदय आगार बसहिं राम सर चाप धर।।

अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं, दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्।
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं, रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि।।

May 22, 2014

Shri Madhuraashtka


अधरं मधुरं वदनं मधुरं नयनं मधुरं हसितं मधुरम्
 हृदयं मधुरं गमनं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्।।१।।

वचनं मधुरं चरितं मधुरं वसनं मधुरं वलितं मधुरम्
चलितं मधुरं भ्रमितं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्।।२।।

April 21, 2014

Shri Shiva Panchaakshara Stotra


नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय 
भस्मांगरागाय महेश्वराय। 
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय 
तस्मै 'न' काराय नमः शिवाय।।१।।

March 4, 2014

Shri Hanuman Chalisa


दोहा
श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।
बरनउँ रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।।
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।
बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।।

Buy Sampoorna Sundar Kand by Hari Om Sharan from Flipkart.com

February 6, 2014

Shri Brihaspati Kavach


विनियोगः
अस्य श्रीबृहस्पति कवचस्तोत्रमन्त्रस्य
ईश्वर ऋषिः, अनुष्टुप् छन्दःगुरुर्देवता
गं बीजं, श्री शक्तिः, क्लीं कीलकं,
बृहस्पति प्रीत्यर्थं जपे विनियोगः।।

Buy Living With the Himalayan Masters by Swami Rama from Flipkart.com

January 15, 2014

Shri Sankashtnaashan Ganesh Stotra


प्रणम्य शिरसा देवं गौरीपुत्रं विनायकम्।
भक्तावासं स्मरेन्नित्यमायुष्कामार्थसिद्धये।।१।।

प्रथमं वक्रतुण्डं च एकदन्तं द्वितीयकम्।
तृतीयं कृष्णपिङ्गाक्षं गजवक्त्रं चतुर्थकम्।।२।।

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...