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September 16, 2014

Shri Sankatmochan Hanumanashtak


बाल समय रबि भक्षि लियो तब, तीनहुँ लोक भयो अँधियारो।
ताहि सों त्रास भयो जग को, यह संकट काहु सों जात न टारो।।
देवन आनि करी बिनती तब, छाँड़ि दियो रबि कष्ट निवारो।
को नहिं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो।।१।।

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